047: Chhuri mango orchard and ash
Director: Sunil Kumar; Cinematographer: Sunil Kumar
Duration: 00:12:08; Aspect Ratio: 1.778:1; Hue: 90.146; Saturation: 0.035; Lightness: 0.355; Volume: 0.254; Cuts per Minute: 0.412; Words per Minute: 41.182
Summary: यह आम का बगीचा वन्दना एनर्जी के आने से कुछ साल पहले ही लगाया गया है। इसमें आम का लगना बाकी था कि बगीचे से लगी वन्दना एनर्जी की चिमनी और ब्वायलर खड़े होने शुरू हो गये। इस बगीचे में आम के पेड़ के साथ सागौन के पेड़ भी लगाए गए हैं और इसी के साथ ही कुछ अमरूद के पेड़ भी। बगीचे की देख-रेख व निगरानी के लिए एक बोर (ट्यूबवेल) और झोपड़ी बनाई गई है। इधर वन्दना ने भी गार्ड्स की तैनाती कर दी है और पानी के लिए छूरी तालाब को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। अभी इन पेड़ों में आम लगने शुरू ही हुए थे कि वन्दना ने भी राख और धुंवा उगलना शुरू कर दिया है। जिसका अब इस बगीचे पर भी दिखने लगा है। राख के प्रभाव को लेकर बगीचे के मालिक से बात हुई, जो इस फुटेज के बीच में है। उन्होंने बताया कि वन्दना ने राखड़ को बांध में डालने के बजाए वहीं खुले में ही डाल दी है। इससे दुर्घटना होने की सम्भावना लगातार बनी रहती है। बारिश में तो बच्चों और जानवरों के राखड़ के दलदल में फंसने का लगातार डर बना रहता है। राख सूखने के बाद उस पूरे इलाके में उड़ती रहती है। और पेड़ों-पौधों की पत्तियों, फूलों पर चिपक जाती है जिससे पेड़ स्वस्थ नहीं हो पाते हैं और उनमें सही से फल भी नहीं आ पाते हैं।

Chhuri
Chhuri mango orchard

आपके बगल में ही वन्दना एनर्जी ने यहां पर राखड़ डाल दी है, इसके बारे में बताएंगे?

वन्दना एनर्जी ने खुले में ही राखड़ डाल दिया है।

बांध नहीं बनाया है?

बनाया तो है लेकिन इस तरह नहीं कि वह राखड़ बांध की तरह लगे। वहीं बगल में जमीन ले ली है और वहीं पर खुले में राखड़ डाल देते हैं। और जब जानवर चारे के लालच में जाते हैं तो फंस जाते हैं। अब हमारे घर के बगल में ही राखड़ डाला गया है। बारिश में गाय का एक बच्चा फंस गया था तो हमारे बगल का एक व्यक्ति राम भरोस और मैंने उस बच्चे को निकाला था। और हम उसको निकालते-निकालते फंस गए थे। अच्छा यह था कि वह ज्यादा गहरा नहीं था।

क्या पता नहीं चल पाता है?

कैसे मतलब?

कहने का मतलब यह है कि अगर राख पड़ी हुई है तो यह गीली राख है यह पता नहीं चल पाता है?

वह पता तो चलता है लेकिन कई लोगों को मालूम नहीं रहता है कि यह कैसे होती है। जिसको पता रहता है तो वह तो नहीं जाते हैं। लेकिन जानवरों को तो ऐसा नहीं लगता वहां गीला है तो वहां नहीं जाना चाहिए। वह बगल में चारा देखता है तो उसके लालच में आगे बढ़ जाता है और फंस जाता है। जानवर यह तो जानता नहीं कि बचना कैसे है?

यदि कोई अंजान आदमी उधर से गुजरे तो?

अंजान आदमी उधर से गुजरेगा तो जाएगा।

उसे पता नहीं चल पाएगा?

हां, उसे पता नहीं चल पाएगा। क्योंकि धूप लगने और हवा के चलने से राखड़ की उपरी सतह सूख जाती है और नीचे वैसे ही गीली बनी रहती है। राख के उपर चलने पर वह एकदम सूखा सा, कठोर सा लगता है और यदि आप जैसे- जैसे आगे बढ़ते जाते हैं तो राखड़ थोडा हिलता है, तो जो जानकार आदमी रहता है वह समझ जाएगा कि राखड़ गीला है और वह वहीं रुक जाएगा और यदि कोई अंजान है तो वह फंस जाएगा। यदि कोई फंस जाता है तो आदमी को हड़बड़ी नहीं करना चाहिए। उसे वहीं पर बैठ जाना चाहिए या ज्यादा फंस गया है तो उसे अपने हाथ फैलाकर पीछे की तरफ लेट जाना चाहिए। उसे और फंसने से बचने के लिए पांव नहीं चलाना चाहिए अन्यथा वह और गहरे फंस जाएगा।

बच्चे तो इसके बारे में नहीं जानते होंगे?

हां। बच्चे तो नहीं जानते हैं। अब क्या है कि बच्चे को सिखाते हैं कि यह राखड़ है उधर नहीं खेलना है। खेलना है तो आंगन में खेलो। लेकिन राख की तरफ मत खेलो।

अभी तक कोई ऐसी दुर्घटना.....?

अभी तक तो सुनने में नहीं आया है। अब क्या है कि बच्चे को सिखाया जाता है कि उधर राखड़ है उधर मत जाओ, उधर भूत है, ऐसा है , वैसा है, जिससे वो उधर जाने से डरे।

कितने दिन के उत्पादन से यह राख बनी है?

यह जमीन के मालिक को पूछ कर राखड़ को डाल देते हैं। अब जमीन के मालिक को तो यहां पर आना नहीं है। वह लिखित में दे देता है हां आप मेरी जमीन में राखड़ डाल सकते हैं। और कम्पनी वाले डाल देते हैं।

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