034: Mironi land and crops to be flooded
                    Cinematographer: Sunil Kumar
Duration: 00:07:20; Aspect Ratio: 1.778:1; Hue: 77.171; Saturation: 0.091; Lightness: 0.364; Volume: 0.105; Cuts per Minute: 3.266; Words per Minute: 41.236
Summary: यह सभी मिरौनी गाँव की खेती वाली जमीन के फुटेज हैं जिसमें कि अभी भी खेती हो रही है। यह जमीन गाँव वालों के अनुसार डूब में आ रही है। डूब में आने वाली जमीन का एक हिस्सा गाँववालों घूम-घूम कर दिखाया भी। जिसके फुटेज साथ में लगे हुए हैं। एक फुटेज में वह बता रहे हैं कि बरसात में पानी गांव के मुहाने पर आ जाता है, अब बैराज बनने के बाद यह स्थिति हमेशा बनीं रहेगी। ऐसे में खेती कैसे होगी?
                            
                            Mironi to be flooded
                        
 
                    
                        
                            
                            बाढ़ आता है तो इधर ही नहाते हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            बैराज नहीं बना है तब यहां पर नहाते हैं?
                        
 
                    
                        
                            
                            नहीं बनने पर यहीं पर नहाते हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            अब बैराज बन जाएगा तो?
                        
 
                    
                        
                            
                            अब बैराज बन जाएगा तो सबका डूब जाएगा।
                        
 
                    
                        
                            
                            यहां तक पानी आ जाता है?
                        
 
                    
                        
                            
                            हां, यहां पर आता है भईया।
                        
 
                    
                        
                            
                            यहीं पर नहाते हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            पानी आने के बाद इतना तो हमेशा रहता है।
                        
 
                    
                        
                            
                            अब बैराज बनने के बाद कहां तक जाएगा?
                        
 
                    
                        
                            
                            वही तो कह रहे हैं भईया, सब तो डूबेगा।
                        
 
                    
                        
                            
                            जब बैराज बनने के पहले लोग यहीं नहा रहे हैं तो बनने के बाद तो भगवान जाने कहां जाएगा।
                        
 
                    
                        
                            
                            घर-घर नहाएंगे।
                        
 
                    
                        
                            
                            अभी यह नदी है न.. यही हमारी व्यवस्था (लैट्रिन वगैरह) की जगह है। पानी होने के कारण यही मैदान की व्यवस्था है।
                        
 
                    
                        
                            
                            अब यह बन जाएगा तो सब घर में बैठेंगे।
                        
 
                    
                        
                            
                            एक तो पूरा खेती इसी में लगाए हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            पूरा डूब जाएगा।
                        
 
                    
                        
                            
                            गांववालों का आधा खेत तो नदी में है।
                        
 
                    
                        
                            
                            पहले खेत था यह बाद में हुआ है? 
हां।
                        
 
                    
                        
                            
                            फिर भी अभी खेती करते हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            मीडिया वाले हैं क्या?
                        
 
                    
                        
                            
                            नहीं नहीं, हम कॉलेज से हैं, यूनिवर्सिटी से।
                        
 
                    
                        
                            
                            इतना पानी हो जाता है, इधर तो हम आ नहीं पाते हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            उधर नहाते हैं हम, बरसात में जब बाढ़ आता है तो।
                        
 
                    
                        
                            
                            यहां से लेकर वो....
                        
 
                    
                        
                            
                            यह सब सारा सरपट्ट (डूबेगा) है..
                        
 
                    
                        
                            
                            पूरा डूब जाता है।
                        
 
                    
                        
                            
                            और सारा इसी गांव की जमीन है?
                        
 
                    
                        
                            
                            हां.. यह हमारे मिरौनी की जमीन है और उधर अमौदा की जमीन है।
                        
 
                    
                        
                            
                            यह सोसाइटी है न, उधर गए थे न..
                        
 
                    
                        
                            
                            सोसाइटी ...
                        
 
                    
                        
                            
                            वहां से पूरा डूबता है।
                        
 
                    
                        
                            
                            यहां बैराज बन रहा है सर, कुछ नहीं बचेगा सब डूबेगा।
                        
 
                    
                        
                            
                            यह जो फल है न यह सब डूब जाता है।
                        
 
                    
                        
                            
                            इसको हम लोग खाते हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            इसमें पाईप निकालेंगे? 
नहीं।
                        
 
                    
                        
                            
                            तो?
                        
 
                    
                        
                            
                            डूबने वाली जमीन देखने के लिए आए हैं? 
हां।
                        
 
                    
                        
                            
                            बांध जो बन रहा है इससे पानी फूलेगा। और जब फूलेगा तो कितनी जमीन जाने वाली है और कितने लोग इससे प्रभावित होने वाले हैं, यह जानने आए हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            तो नुकसान मिलेगा?
                        
 
                    
                        
                            
                            तो नुकसान जानने आए हैं।
                        
 
                    
                        
                            
                            हमारी तो चार-पांच एकड़ जमीन है और सारी डूब रही है। इस बार तो थोड़ा मिल गया है।
                        
 
                    
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