022: Badadhara interview with mobile shopkeeper
Cinematographer: Sunil Kumar
Duration: 00:07:05; Aspect Ratio: 1.778:1; Hue: 39.529; Saturation: 0.133; Lightness: 0.496; Volume: 0.155; Cuts per Minute: 0.141; Words per Minute: 94.666
Summary: उड़ीसा के रहने वाले नवाब आलम एक छोटी सी मोबाइल की दूकान चलाते हैं। यह काम वह पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं। वह जहां भी पॉवर प्लांट का निर्माण कार्य चलता है वहां जाकर वह मोबाइल का ही बिजनेस करते हैं। यह उनका तीसरा पॉवर प्लांट है। दरअसल पॉवर प्लांट को बनाने के लिए हजारों मजदूरों की जरूरत होती है और उन मजदूरों की मोबाइल से सम्बंधित जरूरतों को पूरा करने या कहें कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वह सफ़र करते हैं। अपनी दूकान पर वह मोबाइल में गाने, फिल्मों, आदि की डाउनलोडिंग करते हैं। इसके साथ ही वह यह जानकारी भी रखते हैं कि अगली जगह कौन सा प्लांट आने वाला है। बाड़ादरहा में प्लांट का काम ख़त्म होने के बाद वह अपने राज्य उड़ीसा में जाने वाले हैं। क्योंकि वहां दूसरे फेस का काम शुरू होने वाला है।

Badadhara

TV_power plants

आपका नाम?
नवाब आलम.

आप कहाँ से हैं?
उड़ीसा.

आप यहाँ कब से आए हैं?

एक साल से ऊपर हो गया है.

यह प्लांट कब से आया है?
लगभग डेढ़ से दो साल हो गया है.

आप यहीं पर क्यों आए हैं?

हम लोग प्लांट ही प्लांट घूमते हैं.

ऐसा क्यूं?

रोजी-रोजगार के लिए.

तो प्लान के साथ आपका रोजगार का क्या जुड़ाव है? आप तो प्लांट में काम भी नहीं करते हैं?

मजदूर जहां ज्यादा होंगे वहां इनकम होगा. अपना दूकान वगैरह करेंगे तो इनकम होगा. इसी लिए यहाँ पर हैं.

तो इसके पहले कौन-कौन सी जगह आप गए?

कूपन है रीचार्ज का?

नहीं.

उड़ीसा का वेदान्त, अंगुल का जिंदल और यह तीसरा है.

तो वहां पर छोड़ क्यों दिए? जबकि आमतौर पर लोग बिजनेस लंबा चलाते है?

जैसे ही काम खत्म हो जाता है तो वहां पर वर्कर नहीं रहते.

कैसे, मैं समझा नहीं?

जैसे प्लांट में काम करने के लिए मजदूर आए तो यह वर्कर परमानेंट तो नहीं हैं, यहाँ परमानेंट सर्विस तो है नहीं, टेम्परेरी सर्विस है. काम जैसे ख़त्म करके हैण्डओवर कर दिए, फिर वहां जो परमानेंट हैं वही काम करते हैं.

यानी मजदूर जब तक काम करेंगे तब तक आप रहेंगे, उसके बाद चले जाएंगे?
हाँ,

उसके बाद चल जाएंगे?

काम पूरा होने के बाद अगले साईट पर चले जाएंगे.

नए साईट के बारे में आपको पता कैसे चलता है?

पता करते रहते हैं कि पॉवर प्लांट कहाँ-कहाँ पर आ रहे हैं.

एयरटेल का 10 का रीचार्ज देना.
नहीं है.

मालूम करते रहते हैं.

तो आपको एक साल हो गया?
एक साल से ऊपर हो गया है.

यह दुरबीन कहाँ से आ गया है?

प्रतिदिन आपकी कितनी आय हो जाती होगी?

अब बिजनेस का कोई ठिकाना नहीं है, कभी 500, कभी 1000, कभी 2000....

कभी 200, और कभी वो भी नहीं. तो बिजनेस में कोई माई-बाप नहीं होता.

तो आप कब तक रहेंगे और प्लांट में मजदूर भी रहेंगे?

अभी कम से कम डेढ़ से दो साल.

डेढ़, दो साल के बाद नई खोज?
हाँ.

कहाँ उम्मीद है, कहाँ जाएंगे आप?

अपने घर के पास थर्मल पॉवर प्लांट में दूसरी यूनिट आ रही है, मई से चालू हो जाएगा. तो मैं वहीं काम करूंगा.

यह मेरे घर के पास उड़ीसा का सबसे पुराना सरकारी प्लांट है. वहां से फिर अपना परमानेंट बिजनेस करेंगे.

यानी डेढ़ साल तक आप रहेंगे?
हाँ. जब तक मार्केट ठीक चल रहा है तो रहेंगे, कौन सा अपना परमानेंट बिजनेस किया हूँ.

मजदूर तो आपके पास आते ही हैं और यह लोकल लोग आपसे क्या खरीदते हैं?

ज्यादातर लोकल लोग जैसे रीचार्ज है, रिम है, डाउनलोडिंग है यही सब.

मजदूर ज्यादातर आपके यहाँ से ज्यादातर क्या खरीदते हैं?
हमारे यहाँ से ज्यादातर रीचार्ज और डाउनलोडिंग.

डाउनलोडिंग में क्या?
फिल्म हुए, गाने हुए यही सब.

तो यह तो एक तरीके से मेले जैसा है?
जी हाँ.
आपको एक साल हो गया?
जी हाँ.

हाँ सेठ जी, हमारे मोबाईल में डाउनलोडिंग कीजिए.

तो आपने अभी एक साल में सबसे बड़ा परिवर्तन क्या देखा?

यही देखा कि जिनके पास कुछ नहीं था उनके पास सब कुछ है.

सब कुछ में जैसे?
सब कुछ में जैसे गाड़ी नहीं था तो गाड़ी है, ठीक से रहने के लिए घर नहीं था. अब सब घर बनवा रहे हैं, सभी की जमीन गयी है, कंपनी पैसा दिया है.

तो आपको क्या लगता है कि इन लोगों ने सबसे ज्यादा पैसे कहाँ खर्च किए होंगे?

अधिकतम तो.....

बेकार खर्च नहीं किया है, यहाँ सब शिक्षित हैं.

मतलब उतना फालतू खर्च नहीं किए है, जो थोड़ा बुद्धिमान हैं अपना घर बनाए हैं, और कुछ दूसरी जगह जमीन खरीदेंगे, और गाड़ी वगैरह लिए है.

गाड़ी, पेट्रोल या दूसरी चीज में पैसा नहीं जा रहा है?

नहीं. अभी सभी के घर में एक-एक गाड़ी मिलेगी, जो पहले नहीं थी.

आमतौर पर गाड़ियां कहां से लेते हैं?

ज्यादातर खरसिया से. खरसिया जांजगीर चाम्पा में पड़ता है, यह सबसे नजदीक का मार्केट है.

क्या इन लोगों को काम मिला है?

काम मतलब, जिसका-जिसका जमीन गया है उसको मंथली 5 हजार रुपया मिलता है. पहले 3 या साढ़े तीन हजार रुपया था. रोज तीन टाईम दस्तखत करना पड़ता है.
बस?
हाँ.

कंपनी मुफ्त में तो पैसे नहीं देगी?

आधे लोगों को काम मिल चुका है, कोई ऑफिस में झाडू लगा रहा है, यानी जैसे लोग हैं वैसे पोस्ट मिला है.

यहाँ मजदूरों में आने वाले अधिकाँश मजदूर कहाँ के है? ज्यादातर झारखंड के.
झारखंड
झारखंड, बिहार. सबसे jya
अंदाजन कितनी संख्या होगी?
5 से 6 हजार.
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