Cinematographer: Sunil Kumar
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Summary: गेंदालाल निमुही गांव के किसान हैं जिनकी लगभग सभी दो फसली और सिंचाई युक्त जमीन अथेना पॉवर प्लांट में ले ली गई है। इसके बदले में उन्हें 10 लाख रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से मिला है। और इसी के साथ ही प्लांट में उन्हें नौकरी भी मिली है जिसे नौकरी की कटेगरी में रखना मुश्किल है। कम्पनी सभी जमीन देने वालों को नौकरी देने के नाम पर सुबह 8 बजे बुलाती है, हाजिरी लगवाती है और उन्हें वापस भेज देती है। इसके लिए कम्पनी 6 दिन का पेमेंट 175 रुपए प्रति दिन के हिसाब से करती है। यानी सिर्फ दस्तखत का पैसा देती है। गेंदालाल और गांव वाले यह समझते हैं कि कम्पनी यह सब क्यों कर रही है। उनका कहना है कि कम्पनी लोगों शांत रखने, आन्दोलन न करने, और बैठे-बैठे खाने की आदत डाल रही है ताकि भविष्य में भी वह इन लोगों को अपने पक्ष में इस्तेमाल कर सके। इस समय गांव के युवाओं में दारू, गांजा जैसी नशीले पदार्थों की खपत आचानक बढ़ गई है। यह लोगों को गुलाम बनाने की तरफ धकेलने जैसा है। इस गांव की लगभग 100 एकड़ जमीन प्लांट में गई है और लगभग 100 के ही आस-पास लोग हाजिरी देने जाते हैं। अथेना पॉवर प्लांट ने यही स्थिति बाकी के चार प्रभावित गांवों में बना कर रखी है। जमीन के चले जाने पर गेन्दालाल काफी दुःखी हैं। वह अपनी जमीन नहीं देना चाहते थे लेकिन भूअर्जन के कारण उन्हें देना पड़ा। उनका कहना है कि पैसा तो कभी भी खत्म हो जाएगा लेकिन जमीन होती तो हमारी अगली पुश्तें भी उसी में कम से कम अनाज पैदा कर जीवन तो चला सकते थे। कम्पनी ने जबरदस्ती हमारी जमीन ले ली।
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