Had Anhad: Chapter 1 - Ayodhya Driver Interview - 2
Director: Shabnam Virmani
Duration: 00:13:57; Aspect Ratio: 1.366:1; Hue: 59.921; Saturation: 0.038; Lightness: 0.276; Volume: 0.302; Cuts per Minute: 4.439; Words per Minute: 143.564
Summary: This is a the longer version of the interview with the Taxi Driver through the streets of Ayodhya featured in the film Had Anhad. This is a discussion that sensitively and richly moves between caste, politics, history and identity all from the perspective of someone who lives with these issues every day. Ram is just one of the many causalities that moves through the history of such events as the tearing down of the Babri Masjid and the dispute over the Ram Janmabhoomi. This extended interview gives you a glimpse of the larger currents that lie beneath the surface of a seemingly religious dispute.

The streets of Ayodhya
This is an interview with a taxi driver in Ayodhya while the filmmaker was going through the streets of Ayodhya in search of Ram. What she and the viewer finds is a complex socio political situation that does not give itself over to an oversimplified Muslim versus Hindu, Islam versus Hinduism, Ram versus Rahim debate. The underlying issues of caste, votebank politics, historical and judicial confusions come to the fore in a seemingly simple straightforward conversation.

Ayodhya and the streets

Driving through the streets of Ayodhya

SV: ये मुसलमान इलाका है?
Driver: जी
SV: हां?
Driver: ये total घर मोहमेदन था.
SV: उस में फिर लोग नष्ट कर दिया...
Driver: भाग जाते हैं ताला लगाके.
SV: कौन?
Driver: यही मुसलमान लोग.
SV: क्या भाग जाते हैं?
Driver: मतलब घर छोडके कईं बाहर अपने relation में चले जाते हैं.
SV: चले जाते हैं? मतलब कब जाते हैं?
Driver: मतलब curfew-vurfew लगता है, पुलिस लोग दंगा करते हैं. और यहाँ लोग राम भक्त आते हैं तो (laughs) मारने पीटने लगते हैं. कोई कम आबादी है वैसे कम है...मुसलमान ज़्यादा नहीं है?
SV: मतलब डरे हुए हैं.
Driver: जी. यहाँ पर यही तो सोचते हैं.
SV: उनकी संख्या कितनी है, मुसलमानों की?
Driver: बहुत ज़्यादा से ज़्यादा होंगे तो सौ-डेढ़ सौ लोग होंगे यहाँ.
SV: भाग गए सब बाकी.
Driver: हां बाकी और तो बाहर बनवा लिया और फैज़ाबाद में shift हो गए तो घर छोड़ दिए.
SV: पहले कितने हुआ करते थे यहाँ?
Driver: पहले तो दो चार हज़ार थे.
SV: और आज?
Driver: आज दो चार सौ होंगे बस. बहुत लोग कम हो गए हैं. ये जो 90 वाला झगड़ा हुआ था, 92 में-छे दिसंबर 92 को- तो उसमे इन लोगों का घर वर फूंक दिए थे लोग ना? घर सब जल गए थे. तो अभी ये लोग छोड़ दिए मतलब. अपना बाहर पैसा लगा के, बाहर बनवाते है लोग. मतलब अयोध्या छोड़ के जाते हैं.
Babri Masjid
forced migration
internal displacement
religious displacement
religious riots
demographic changes

SV: मतलब अयोध्या शहर पिछले दस सालों में काफ़ी बदल गया है.
Driver: हां हो गया.

SV: आपको कया लगता है...
Driver: जी...
SV: मस्जिद तोड़नी चाहिए थी?
Driver: अब देखिये मस्जिद तोड़नी चाहिए थी तो मंदिर बना देना चाहिए था. अब उसको तोड़ दिया न आप इसको बना रहे हैं, अब यहाँ की आबादी में जो कुछ मेले वाले आते हैं, मेले वाले अब आते ही नहीं हैं. अब यहाँ के आदमी लोग, यहाँ तो कोई रोज़गार है ही नहीं. ये लोग रोज़ कमाते थे, रोज़ खाते थे. उसमे मतलब पाबंदी हो गयी. पुलिस वाले रात की रात परेशान करते हैं. रात को आप कभी नौ दस बजे जाएँ तो आप बताइये कहां से आ रहे हैं, कहां जा रहे हैं... क्या है, कैसा है. यही तो पूरी कठिनाई है और क्या.
curfew
unemployment

Driver: ये gate बना रहे हैं यहाँ के सांसदजी, अयोध्या के लिए.
SV: gate से क्या होगा?
Driver: gate से.. मतलब बार्डर बना रहे हैं अयोध्या का. यहीं से अतोध्या शुरू हो जाती है...
SV: हां? gate और मंदिर से भरेगा पेट किसी का?
Driver: किसी का नहीं भरेगा. कहने का मतलब देखिये की हिन्दुस्तान, अगर हिन्दुस्तान में अगर एक हिंदू का राम मंदिर नहीं बनेगा तो कहां बनेगा? आपने खोदाई क्यों करवाया? पुरातत्व विभाग वालों ने खोदाई कराया और उसके नीचे साक्षी मिला कि यहाँ पर एक राम मंदिर था. तो Supreme Court को ये आदेश देना नहीं चाहिए तो? अगर यही साक्षी अगर मुसलमान लोग के पक्ष में निकलता तो ये लोग ढाबा खोल लेते.
ASI
Ram Mandir
excavations

SV: अच्छा?
Driver: वहां से प्रमाण निकले हैं कम से कम सैंकडो फीट के नीचे खोदाई हुई है.

BJP
SV: तो ये भाजप को तो चुगनी में निकाल दिया...
Driver: चुगनी में... क्या करें? इनकी कमी भी तो थी कि पांच साल हो गए इनको सरकार बनाए और कभी हमारे अयोध्या नहीं आये.
SV: हां?
Driver: पांच साल हो गए सरकार बनाये इनको लेकिन कभी हमारे अयोध्या टहलने नहीं आये. फैज़ाबाद से आप वापस चले गए. सरकार बना अयोध्या... राम मंदिर मुददा ही लेके सर्कार तक PM की कुर्सी पर बैठे. अब PM की कुर्सी मैं बैठने के बाद सब भूल गए आप. आप टहलने ही नहीं आते तो अयोध्या वासियों का दिल लगा रहता है कि हमारे लिए BJP वाले आये हैं.
election issue

SV: तो वो मंदिर बना देते तो वापस आते फिर? केंद्रीय सरकार पे?
Driver: हां! अगर ये मंदिर बन जायेगा, अगर अपने सांसद में बना देते, या कुछ हाला-भला करते तो आना ही आना है. सबको यही नाराज़गी है. हमारे अयोध्या में किसलिए नहीं जीते? अयोध्या में ? तो हाथी जीता है.
SV: अच्छा?
Driver: जी. जबकी यहाँ से फैजाबाद मैं लालू सिंह जी के तिन बार सांसद बना... मतलब BJP यहाँ जीतती है. पंद्रह साल का उसका रिकार्ड था. अब उनका रिकार्ड भी टूट गया.
anti-incumbency

Rumah: और यहाँ पे अगर लोगों को मंदिर और मस्जिद, दोनों बने तो कैसा...?
Driver: नहीं. ऐसा नहीं हो सकता.
Rumah: नहीं. पास पास. उसी जगह में...
Driver: ना. ऐसा नहीं होगा. ऐसा होने तो फिर और लोग मर जायेंगे.
SV: क्यों?
Driver: यहाँ हिंदू ऐसा नहीं चाहेगा कि- क्या बोलते हैं- ये मुसलमान मस्जिद बना दे. ये मस्जिद बना नहीं पाते हैं अपना. वो तो अभी विश्व अवसर का मुददा हो गया है अब...world अवसर का मुददा...उसको क्या ये बनाएंगे? क्या हाल करेंगे. वहां मस्जिद बना लेगा मतलब पूरे world में एक बार तूफान आ जायेगा.
SV: कहां?
Driver: पूरे विश्व में. जहां हिंदू ज़्यादा रहेंगे वहां मुसलमान मारे जायेंगे और जहां मुसलमान ज़्यादा रहेगा वहां हिंदू मारे जायेंगे.
tripartite division

SV: तो ये सब झगड़े फसाद से क्या मिलता है?
Driver: कुछ नहीं मिलता. नेताओं की रोज़ी रोटी चल रही है और क्या. public को क्या मिल रहा है? इसमें तो नेताओं का फायदा है ना.
SV: लेकिन आप ही तो उसी नेता को vote दे रहे हैं जो बनाएगा मंदिर, तोडेगा मस्जिद.
Driver: नहीं. जिसने तोड़ा क्या... तोड़ा तो नेता ने नहीं तोड़ा. कल्याण सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया जिस समय कारसेवा यहाँ शुरू हुई. हम खुद कारसेवा में गए थे. और रही तोड़ने की बात तो वहां पर एक पत्थर लगा हुआ था जिसपे लिखा था "सीता पात". तो उसके केवल दिझैने थीं वहां पर. और बाकी वहां तो मुसलमानों का कोई शास्त्र नहीं था. लेकिन मुसलमान सही नहीं कहता की ये अयोध्या है. वोट ओ कहता है की तुम्हारी अयोध्या लंका में है, पाकिस्तान में है.
kar seva

SV: तो ये संत महात्मा जो कहते हैं जैसे कबीर दास कहते हैं राम तो घट घट में बसता है
Driver: जी
SV: अब उस राम के लिए घर ढूंढ रहे हैं हम?
Driver: हां पर वहां उनका मंदिर था, किसी की हुकूमत से वो तोड़ा गया. आज ये हुकूमत आयी की इनका वोह तोड़ा गया. शुरू से ये झगड़ा चलता आया मुग़ल साम्राज्य से. आज की तो ये झगड़ा है नहीं. शुरू से ही ये राजनीति होती आयी है.
SV: तो ये अच्छी बात है? की ऐसी राजनीति...
Driver: नहीं. ये अच्छी बात नहीं है. नहीं वो तो हमको अच्छी नहीं लगती ऐसी राजनीति. हम तो वो चाहते हैं की ऐसा एक Prime Minister बने सारे डेश को एक जैसा करके होके चलावे. हमारे जैसे नवयुवकों को.. के जैसे मैं इंटर पढ़ा हुआ हूं. इंटर पढ़ने के बाद में मैं मजबूरी से गाड़ी चलाना पड़ता है. क्या कोई काम नहीं है? ब्राह्मण के यहाँ पैदा हुए थे. जैसे छोटा किसी काम नहीं कर सकते, किसी होटल में किसी ऐसा...वहां भी नहीं adjust हो सकते. यही सब कमी है और क्या. हिन्दुस्तान का पैसा अच्छे अच्छे नेताओं के पास तीस तीस किलो सोना पैंतीस पैंतीस करोड़ नकद निकल रहा है और उनको मालूम भी नहीं कहां से आया. ये नेता नहीं चाहता की कोई कल कारखाना कोई industry, कोई factory लगा दे जिससे दो-चार हज़ार नवयुवकों को रोज़गार मिल जाए. ऐसा कोई नहीं चाहता.
black money
corruption
unemployment

SV: तो आपको नहीं लगता की यही नेता ये राम मंदिर का मुददा उछाल के
Driver: जी.
SV: जो सही मुददा है, रोज़ी रोटी का, नौकरी का,
Driver: जी
SV: उसमे से जनता का मन हटा के
Driver: जी
SV: इस फ़जूल के फसाद में लोगों को डालते हैं? वोट बटोरते हैं? फ़साद करवाते हैं और हम भी हैं कि किये जाते हैं उसी धुन में?
Driver: अशिक्षित लोग हैं कम पढ़े लिखे हैं साठ परसेंट में आके हूपी के अभागी हैं, जो अंगूठा छाप हैं...पढ़ना-लिखना जानते नहीं हैं ऐसे इलेक्शन होगा, दस-दस किलो गेहूं उनके घर पहुँच जाएगा, दो-दो कम्बल बाँट देंगे, कहेंगे "भईया इसी party को सरकार बनाना. वोट देना." वो बिचारा सोचेगा कि चलो उसी पर लगा देते हैं. यही होता है यहाँ.
election sops
ill-informed electorate
illiteracy
votebank politics

SV: आपको राम में आस्था है?
Driver: राम में बहुत आस्था है. मैं हिंदू आदमी हूं, वो भी ब्राह्मण. भगवान की तो आस्था बहुत है. मैं राम को मानता हूं. राम के खिलाफ कोई एक शब्द मैं सुनने के लिए नहीं तैयार हूं.
belief
tolerance

Driver: वो बही भगवान हमारे जिस देश, जिस धरती पर पैदा हुए, उनके ऐसे ऐसे आदर्श थे, उनकी ऐसी ऐसी शिक्षाएं थी, अगर उसी पे आदमी अगर गौर करें, चले तो उसके जैसे कोई ग्रन्थ ही नहीं है. हमारे यहाँ चार वेद, छे सात अठारा पुरान है लेकिन हमारे जैसा कोई ग्रन्थ नहीं है.
SV: तो उनके सिखाये पे चलना ज़्यादा ज़रूरी है या उनके लिए मंदिर बनाना ज़्यादा ज़रूरी है?
Driver: नहीं उनके सिखाये पे चलना ज़्यादा ज़रूरी है, मंदिर बनाना ज़्यादा ज़रूरी नहीं है. मंदिर बनाके तो लोग अपना पेट भर लेंगे. दस करोड़ रुपै आयेगा, आधा धार लेंगे, आधा लगाएंगे. मंदिर क्या? मंदिर तो... टाटा आया था. टाटा बोला "आप फैसला दे दीजिए मैं अकेला मंदिर बनवा दूं." लेकिन नहीं ये बाबालोग बोले... ये नित्यगोपाल लालजी बोले कि नहीं ये हिंदुओं के पसिने से बनेगी. ये हिंदू के खून से बनेगी, चंदा लगा के बनेगा. यहाँ ऐसे ऐसे पूँजी-पती आते हैं जो कहते हैं कि हमकेले बना देंगे मंदिर.
mythical
mythological
paper-pushing
religious texts

SV: तो वो ऐसा क्यों बोलते हैं? उसमे खाना है पैसा उनको? लोगों के पसीने का पच्चास टका खाना है?
Driver: नहीं तो पसीने वाले में लेके जहां बटोरा जायेगा, वहां चंदा लगेगा, खाने को मिलेगा. जब कोई एक आदमी खड़ा होके एक कट्ठा लगा देगा तो वहां कम खाने को मिलेगा. एक तो आया था, germany का था, उसने बोला, टहलने आया था-उसने बोला चौबीस घंटे के अंदर मैं राम मंदिर खड़ा कर दूंगा. इंजिनीयर था कोई. ऐसे बहुत लोग आते हैं यहाँ. ऐसे लोह आते हैं, ऐसी बाते होती हैं, ऐसा ऐसा पेपर बाज़ी होता है कुछ कहने लायक नहीं.
equal distribution of profits
vested interests

SV: आपका नाम क्या है भाईसाब?
Driver: नाम म्हारा वेद प्रकाश पांडे है. बीरू बीरू कहते हैं.
SV: बीरू?
Driver: जी
SV: की वीनू?
Driver: वीरू.
Ved Prakash Pandey

ASI survey
Driver: मैं अपने गुरूजी के साथ अफघानिस्तान गया था. मैं पाकिस्तान का धुंआ हुआ. वहां लोग घंटी नहीं बजा पाते, हिंदू लोग-भाई लोग आरती करते हैं तो घंटी नहीं बजा पातें हैं. और मुसलमान लोग loudspeaker लगा के आज़ान करते हैं. साला चार किलोमीटर दूर तक सुनाई देता है. औए हिन्दुस्तान में चाहे loudspeaker बजाइए, चाहे आज़ान करिये तो कोई पाबंदी नहीं है.
SV: तो ये अच्छी बात है? या बुरी बात है?
Driver: यही तो उनकी कमी है ना? यही उनकी कमी है. यही तो बात सबको ख़राब लग रही है.
SV: क्या कमी?
Driver: भाई जैसे वहां पर नहीं बना रहे हैं, नहीं करने दे रहे हैं. हम यहाँ बनाने के लिए अगर कह रहे हैं तो वो जगह छोड़ देनी चाहिए हमारे समझ से. दूसरी बात, सबसे बड़ी देखिये ये बात हो गई कि आप, Supreme Court जब खोदाई करने के लिए पुरातत्व विभाग को भेजा तो दोनों पार्टी सहमत थीं. उसने कहा कि जिसके तरफ साक्षी मिलेगा उसके तरफ फैसला होगा. ठीक? जब आपने खोदाई करवाया एक सौ सत्तर फीट, और साक्षी जब मिले तो आपको फैसला करना चाहिए था. अब आपको नहीं रोकना चाहिए.
religious tolerance

Driver: दूसरी बात जब तक हनुमान जी बैठे हैं अयोध्या में, तब तक ऐसा नहीं कोई कुछ कर सकता. यहाँ पर दो-चार बार लोग बम्ब लगा दिया, साला बम्बें नहीं जला समय आने पर. अब यही फैज़ाबाद पुलिस वाले लेके गए थे, फैज़ाबाद में उनके सिविल लाईन तक गया, चार-पांच लोग मर गए, कमरा गिर गया, पेड़-वेड बाहर आया. तो वैसे होता है. तो भगवान की कृपा तो वही है वहां पर.
Hanuman

SV: इसीलिए अयोध्या में बन्दर इतने हैं?
Driver: जी.(laughs) नहीं तो बंदर तो यहाँ शुरू से ही थे.
SV: हनुमान की नगरी?
Driver: जी. बन्दर पे अब पाबंदी लगाया है. उनको आप पकड़ नहीं सकते. उनको आप कहीं नहीं ले जा सकते. साधू लोग नाराज़ हो जायेंगे. उनका नीयम है. उनकी एक अलग क़ानून धारा है. पहले पकड़े जाते थे ये लोग. तो अब नहीं पकड़ सकते आप. अयोध्या में ना सरयू में ना मछली मार सकते हैं, ना अयोध्या के बन्दर आप पकड़ सकते हैं.
SV: क्या? क्या बात...
Driver: नहीं. ये सरयुजी में मछली पाए जातें हैं.
SV: अच्छा
Driver: वहां आप जाल लगाकर पकड़ नहीं सकते हैं.
SV: अच्छा.
Driver: वो पाबंदी हो गयी है. वैसे आप बन्दर नहीं पकड़ सकते. उसको ऐसे रहने दीजिए, खाने दीजिए.
Rumah: लेकिन बन्दर हमें पकड़ते हैं.
monkeys
survival of the fittest
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